प्राणायाम के लाभ | प्राणायाम का महत्व | प्राणायाम के प्रकार |
रोजाना व्यायाम और प्राणायाम करना बहुत अच्छी बात होती है, योग प्राणायाम करना हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं । इसलिए हमें रोजाना योग प्राणायाम और सूर्य नमस्कार जरूर करना चाहिए । खाने के बाद टहलना चाहिए अगर हम हमारे जीवन को व्यवस्थित करके चलते हैं तो हम स्वस्थ जीवन का आनंद उठा पाएंगे । आज मैं आपको बताने वाला हूं कि प्राणायाम करने के क्या फायदे हैं, प्राणायाम के जो मुख्य अंग है उनके बारे में आज मैं आपको बताने वाला हूं कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उज्जायी आदि चलिए आज का टॉपिक शुरू करते हैं ।
कपालभाति प्राणायाम के फायदे और नुकसान !
कपालभाति प्राणायाम- हम सबसे पहले लेंगे कपालभाति, सुबह-सुबह कपालभाति करने से हमारे पेट में वायु का प्रकोप कम होता है । हमारे मस्तिष्क तक ऑक्सीजन की पूर्ति होती है । हमारे शरीर का ब्लड सरकुलेशन सामान्य हो जाता है । कपालभाति करने से हमारी पाचन शक्ति मजबूत होती है । कपालभाति करने से हमारा पेट तंदुरुस्त रहता है, कपालभाति करने से पेट में गैस नहीं बनती । कपालभाति करने से हमारा मस्तिष्क सही तरीके से काम करता है । कपालभाति करने से हमारे Heart मजबूत होता है । कपालभाति करने से हमारे पेट की आते बहुत ज्यादा मजबूत हो जाती है कपालभाति करने से सर्दी खांसी जुकाम और कफ से रिलेटेड रोग होने की संभावना हमेशा कम रहती है । कपालभाति प्राणायाम जिसको कोई भी व्यक्ति जो 14 साल से बड़ा है वह कर सकता है । कपालभाति करने के कुछ नियम है उन नियमों के बारे में हम जानते हैं, कपालभाति करने के लिए सबसे पहले सुबह में उठना चाहिए, उठकर सुबह गुनगुना पानी पीना चाहिए, पानी पीने के बाद हमारे शरीर की शुद्धि करना चाहिए । कपालभाति करने के लिए पद्मासन की स्थिति में बैठना चाहिए, कमर सीधी रखनी चाहिए, ध्यान हमारे मस्तिष्क पर होना चाहिए । सांस हमारी सामान्य होनी चाहिए और धीरे-धीरे कपालभाति शुरू करना चाहिए । शुरुआती दौर में 2 मिनट से लेकर 5 मिनट तक कपालभाति करना चाहिए इसके बाद अभ्यास हो जाने पर आप 5 से लेकर 15 मिनट तक कपालभाति कर सकते हैं । कपालभाति करने हमारे लिए बहुत फायदेमंद होता है इसलिए आप भी कपालभाति करें और अपने दोस्तों रिश्तेदारों और घर वालों को भी कपालभाति प्राणायाम करने के लिए प्रेरित करें ।
अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे और नुकसान !
अनुलोम विलोम प्राणायाम- अनुलोम विलोम दूसरे नंबर पर आता है अनुलोम-विलोम ! अनुलोम-विलोम एक ऐसा प्राणायाम है जिससे हमारे शरीर का नाड़ी शोधन होता है । हमारे शरीर में तीन प्रकार की नाड़ी होती है सूर्य नाड़ी, मध्य नाडी और चंद्र नाड़ी । नाडियो की शुद्धि करने से हमारे मस्तिष्क में ऑक्सीजन का लेवल अच्छा बना रहता है हमारे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है, हमारे फेफड़े अच्छी तरीके से काम करते रहते हैं । हमारा ब्लड सरकुलेशन सामान्य बना रहता है, अनुलोम विलोम करने से हमारे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने लगती है । रोजाना कपालभाति करने के बाद अगर कोई व्यक्ति अनुलोम-विलोम करता है तो उस व्यक्ति को कपालभाति का पूरा फायदा मिलता है । कपालभाति करने के बाद अनुलोम विलोम करने से कपालभाति की शक्ति बढ़ने लगती है । अनुलोम विलोम करने से करने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है इसलिए रोजाना अनुलोम विलोम करना चाहिए ।
उज्जायी प्राणायाम के फायदे और नुकसान !
उज्जायी प्राणायाम- तीसरे नंबर पर आता है उज्जायी यह भी प्राणायाम का एक अंग है, उज्जायी करने से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं, हमारा हृदय(Heart) मजबूत बनता है ! हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है, हमारा पेट का पाचन तंत्र मजबूत होता है । लीवर, किडनी और आमाशय सही तरीके से काम करते रहते हैं । ब्लड सरकुलेशन सामान्य होता है ।
भ्रामरी प्राणायाम के फायदे और नुकसान !
भ्रामरी प्राणायाम- प्राणायाम चौथे नंबर पर आता है वह है भ्रामरी,भ्रामरी करने से हमारा चित्त और मन शांत होता है, प्राणायाम करने के बाद भ्रामरी जरूर करना चाहिए क्योंकि भ्रामरी करने के बाद हमें शांति का अनुभव होता है । भ्रामरी करने से हमारे कान और आंख दोनों स्वस्थ रहते हैं हमारे शरीर में ऊर्जा का आवेग होता है ।
पेट की समस्या है तो इसे पढ़े ।
उम्मीद करता हूं कि आज का यह टॉपिक आपको पसंद आया होगा अगर पसंद आया है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ इसको शेयर जरूर करें धन्यवाद ।