अष्टांगहृदयम् के सबसे महत्वपूर्ण सूत्र जो बदल देंगे आपकी जिंदगी

अष्टांगहृदयम् आयुर्वेद ग्रंथ के महत्वपूर्ण सूत्र - Ashtanga Hridayam Ayurveda Granth



अष्टाङ्गहृदयम् ग्रंथ का निर्माण प्रसिद्ध महर्षि वाग्भट ने किया था । इसका ग्रंथ का रचनाकाल ५०० ई. से लेकर २५० ई. तक अनुमानित है।


इस लेख में अष्टांग हृदयम से लिए गए कुछ महत्वपूर्ण सूत्र दिए जा रहे हैं कृपया इनको अपने दोस्तों तथा परिवारजनों के साथ शेयर करें ।


यहां पर अष्टांग हृदयम के अनुसार कुछ बाते बताई गई है ।




आयुर्वेदिक ग्रंथ अष्टांग हृदयम के अनुसार क्या खाएं और क्या न खाएं ?


सेवन करने योग्य आहार — चांवल, गेहूँ, जौ, साँठी, सुनिषण्णक, जीवन्ती, मुलायम मूली, बथुआ, हरीतकी ( हरड़ ), आँवला, मुनक्का, परबल, मूँग, चीनी, घृत, दिव्योदक (गंगा का जल ), दूध, शहद, अनार तथा सेंधानमक – इन पदार्थो का सदा सेवन करें ।।



त्रिफलां मधुसर्पिर्भ्यां निशि नेत्रबलाय च । स्वास्थ्यानुवृत्तिकृद्यच्च रोगोच्छेदकरं च यत् ॥ 


रात में खाने वाले पदार्थ - आंखो की शक्ति को बढ़ाने के लिए रात में शहद तथा घी में मिलाकर त्रिफला का सेवन करें । जो-जो पदार्थ स्वास्थ्य की रक्षा करने वाला तथा रोगनाशक हो उसका भी निरन्तर सेवन करें ॥


किलाटदधिकूर्चीकाक्षारशुक्ताममूलकम् । कृशशुष्कवराहाविगोमत्स्यमहिषामिषम् ॥ माषनिष्पावशालूकबिसपिष्टविरूढ़कम् । शुष्कशाकानि यवकान् फाणितं च न शीलयेत् ॥


असेवनीय आहार–किलाट, दही, कूर्चिका, क्षार, शुक्त, कच्ची मूली, सुखाया गया मांस, सूअर, गाय, मछली तथा भैंस का मांस, उड़द, निष्पाव ( उबले हुए धान्य ), शालूककन्द, विसकन्द, पीठी के द्वारा निर्मित पदार्थ, अंकुरित अन्न, सुखाये गये शाक, यवक ( जई ) नामक अन्न एवं राब — इनका अधिक मात्रा में निरन्तर सेवन न करें ।।


स्वस्थ रहने के 15 अचूक उपाय


वराह (सूअर) का मांस साही (सेह या सौल) के मांस के साथ मिलाकर न खायें। चितकबरा हिरण तथा मुर्गा का मांस दही के साथ नहीं खाना चाहिए। कच्चे मांसों को प्राणियों के पित्तद्रव के साथ न खायें, उड़द की दाल के साथ मूली न खायें, भेड़ के मांस को कुसुम्भ के शाक के साथ न खायें। बिस (भँसीड़ा ) के साथ अंकुरित धान्यों को, बड़हर के फल को उड़द की दाल, गुड़, दूध, दही तथा घी के साथ नहीं खाना चाहिए। केले के पके फल को मठा, दही अथवा ताड़ के फल के साथ, मकोय को पीपल तथा मरिच के साथ, मधु अथवा गुड़ के साथ नहीं खाना चाहिए। जिस पात्र में मछली पकायी गयी हो अथवा सोंठ पकायी गयी हो उसी पात्र में पकाया गया मकोय का शाक न खायें। यदि दूसरे पात्र में मकोय का शाक पकाया गया हो किन्तु रातभर का बासी शाक हो, उसे भी भरपेट न खायें ॥



दूध के साथ किसी भी प्रकार के खट्टे फलों का  सेवन नहीं करना चाहिए ।



ऐसा नहीं है कि दूध के साथ कोई फल नहीं खाया जाता हो। बादाम, छुहारा, किसमिश आदि के साथ दूध का प्रयोग किया ही जाता है ।


विरुद्ध आहार के लक्षण -मूली, पालक, मैथी आदि हरे पदार्थों को खाकर उनके तत्काल बाद भी दूध नहीं पीना चाहिए ।



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